जानेमन चलो तुम्हें कश्मीर दिखा दूँ, जमीन पे जन्नत इसी को कहते हैं, जो भी हो तुम बहोत खूब हो , तुम्हें ही तो महबूब कहते हैं
शुक्रवार, 28 मई 2021
रविवार, 9 मई 2021
चांद
तेरे शरमाने से चांद शर्माना भूल जाता है, हुस्न तो तूने चांद को दिया है, क्यों तू मेरा दिल तोड़ कर चली जाती है, इतना तो बता ए चांद तू अपने चकोर को छोड़ कर कहाँ चली जाती है.
शुक्रवार, 7 मई 2021
दिल के आईने में
राही हूँ मैं तेरा साथी ये सफर तो देखो, जी भर के तुझे देखूँ कभी दिल के आईने में उतर के तो देखो
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