दरख़त दीवार पे जिस प्यार को महसूस करता हुँ वो हो तुम, कभी ढूंढता हुँ वो जगह पे जहाँ तुम हमसे मिला करती थी, एक बार फिर से मिलने आ जाओ ना तुम, ठंडी हवा के झोंकों में भी तुम्हें मैं महसूस करता हुँ, अपने दुपट्टे में छुपा लो मुझे, अपने बाहों में सुला लो मुझे, तुम्हारा मेरे गालो को चूमना मुझे याद है, चुपके से आ के तेरा दिल को धड़कना, और मुझे गले लगाना आज भी याद है, सनम तेरा वो आशिकाना याद है.सनम तेरा वो आशिकाना याद है