प्राकृतिक सौंन्दर्य की छटा बिखेरती नैना देवी का मंदिर, नैना देवी के इतिहास में जिउना मौर का किस्सा बहोत ही प्रचलित है, नैना देवी के नाम के साथ लोग उनके भक्त जिउना मौर को भी याद करते हैं, कहते हैं नैना देवी के मंदिर में एक बार डाकुओं ने डाका डाला ,जिउना मौर नाम के डकैत ने नैना देवी के मंदिर के सारे गहने लूट लिए, गहने लुट कर वह मंदिर से जाने लगा, तभी मंदिर के पूजारी ने जिउना मौर को समझाया की तु माँ के जेवर लौटा दे पर जिमना मौर अपने गर्व में चूर चूर था, तभी पुजारी ने उसे समझाते हुए कहा देख ले, तु जिस दर से नैना देवी के गहने लेकर जा रहा है,याद रखना कल नैना देवी के इसी चौखट पे तु माथा टेकने आयेगा. फिर भी जिउना मौर कहाँ मानने वाला था वह माँ के सारे जेवर लेकर चला गया. रात होने को आयी, काफी थका होने के कारण जिमना मौर अपनी खाट पे सो गया. सपने में जिउना मौर ने मां काली का भयावह रूप देखा जिसको देखकर वह बुरी तरह से डर गया और रात को उठकर बैठ गया और फिर वह पछताने लगा की नैना देवी के गहने चुराकर मैने बहुत गलत किया है,उसने फैसला किया क्या सुबह होते ही वह नैना देवी के मंदिर में माथा टेकने जायेगा और अपनी भूल की माफी मांगेगा और मां के सारे गहने जेवर लौटा देगा. सुबह होते ही वह नैना देवी के मंदिर गया और माँ के मंदिर जाकर उसने अपनी भूल की माफी मांगी, उसने नैना देवी के सारे गहने लौटा दिये, और उसने नैना देवी के सामने शपथ ली की माँ डकैती से जो भी मैं लूट पाट कर लाऊंगा उसका दसवाँ हिस्सा तेरे दर पे जरूर चढाऊंगा. तब से वह डकैत जिउना मौर माँ का भक्त बन गया और जब भी वह कुछ लूट कर लाता तो उसका दसवाँ हिस्सा जरूर नैना देवी के चरणों में चढ़ाता. एक बार जिउना मौर मां के लिए सोने का छत्र चढ़ाने के लिए लाया, किसी तरह पुलिस को भी इस बात की खबर लग गयी की जिउना मौर माँ को कुछ चढ़ावा चढ़ाने आज नैना देवी के मंदिर आयेगा, जिउना मौर सोने का छत्र लेकर माँ के मंदिर आया, जिउना मौर के मंदिर आने की खबर सुनकर पुलिस ने मंदिर को चारों तरफ से घेर लिया, जिउना मौर ने नैना देवी को सोने छत्र चढ़ाकर प्रार्थना करने लगा और बोला माँ पुलिस से मेरी रक्षा करो माँ, मुझे बचा लो माँ , तभी जिउना मौर को एक आवाज़ सुनाई दी, तु मंदिर से नीचे कुद जा तो तेरी जान बच जायेगी पर याद रखना मंदिर से नीचे कूदने पर पीछे मुड़कर मत देखना, तभी पुलिस ने जिउना मौर को अरेस्ट करने की कोशिश की तभी जिउना मौर पुलिस को धक्का देकर नीचे कूद जाता है. नीचे कुदने पर उसे ऐसा लगने लगा जैसे वह हवा में उड़ रहा हो , हवा में उड़ने जैसी शक्ति को पाकर जिउना मौर को इस बात का घमंड हो गया और वह पीछे मुड़कर देखने लगा, नैना देवी ने उसे पीछे मुड़कर देखने के लिए मना किया था, नीचे गिरकर जिउना मौर की मौत हो गयी. जिउना मौर की समाधि नैना देवी के पास बना दी गयी है, मां के भक्त के रूप में लोग आज भी जिउना मौर को याद करते हैं.