गुडगाँव में कब्रिस्तान के ऊपर बना सैफरन कॉल सेंटर कहते हैं यहाँ रोज नाम की लड़की काम किया करती थी. वो हमेशा employee of the month ka अवार्ड जीत जाती थी। वो अक्सर फोन पर बाते किया करती थी। कुछ ही दिनो के बाद वो लम्बी छुट्टी पर चली गयी। जब वो काफ़ी दिनो बाद भी काम पर नही लौटी तो उसके सहकर्मी उसके घर पर पहुंचे, जहाँ वो किराए के मकान पे रहा करती थी। वहाँ उन्होंने रोज के माँ बाप से मुलाकात की। उन्होंने बताया की रोज को मरे तो आठ साल हो गए। उसके सहकर्मी यह सुनकर अवाक रह गए। उनलोगों के हाथ पाव सुन्न हो गए। कहते हैं रोज की आत्मा अभी भी रात को वहाँ दिखाई देती है। फोन 📞 से रात को कोई लड़की ऑफिस में दिखाई देती है। फिर अचानक से वो गायब हो जाती है। कॉल सेंटर का वो बूढ़ा चौकीदार मुझे बता रहा था।
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