मंगलवार, 13 अप्रैल 2021

मुमताज

हर जगह आपके हुस्न का आलम छाया हुआ है, मेरे दिल की तो मुमताज आप हैं, मैंने तो अपने दिल में ताजमहल बनाया हुआ है.

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