मंगलवार, 16 मार्च 2021

गज़ल

मोहब्बत में ना सही, नफरत में अपनी दो चार सुनाया करो, तेरी गाली भी मुझे ईमरती लगती है, खिड़की पे तो रोज मुलाकात होती है। कभी गली में भी मुझसे मिलने आ जाया करो। 

शनिवार, 13 मार्च 2021

भूली भटियारी का महल


दिल्ली में इस हॉन्टड प्लेस का नाम आपने नही सुना होगा। दरअसल दिल्ली पुलिस ने इस जगह को गुप्त कर दिया है।शाम के 5 बजते ही दिल्ली पुलिस यहाँ एक बैरिअर् गेट लगा देती हैं। सूर्यास्त के बाद यहाँ जाना मना है। करोल बाग के बग्गा नामक लिंक रोड से एक रास्ता वीरान जंगल की तरफ जाता है।यहाँ कोई दरवाजा भी नही है। ये जगह भूली भटियारी के महलके नाम से जाना जाता है। कहते हैं तुगलक वंश के राजा का यहाँ शिकार गाह था।वे लोग यहाँ शिकार खेलने आया करते थे। और रात को यही विश्राम किया करते थे। उनके साथ उनके अतिथि भी यहाँ रात को ठहरा करते थे। अपनी रानी के साथ वो यहाँ आते थे और शिकार खेलकर रात को यहाँ रुक जाते।  । राजा ने इस महल में  रानी की हत्या कर दी थी। अभी भी रानी की आत्मा इस महल में भटकती है। यह जगह इसलिए सुनसान है जो भी इस जगह गया है,उसने डर को अनुभव किया है। या उसे नुकसान उठाना पडा है। इतिहासिक धरोहर होने के बावजूद यह महल अब जर्जर हो चुका है। कोई भी चौकीदार यहाँ एक रात से ज्यादा नही ठहर पाता,  रानी की भटकती आत्मा अब इस महल से नही जाना चाहती है। वो अब यही रहना चाहती है। यहाँ शायद किसी नकारात्मक शक्ति का कब्जा है, जो यहाँ अपना घर बना चुकी है और वो नही चाहती की कोई यहाँ आये। डर की दूसरी कहानी लेकर मै फिर आपके पास आऊंगा। तब तक के लिए Ssshh...कोई है

बुधवार, 3 मार्च 2021

मेरी गज़ल

1. खुदा का नूर हो तुम, जैसे लगता है मेरा महबूब हो तुम, क्या कहें जानेमन बहोत खूब हो तुम, बहोत खूब हो तुम। 

2. तेरा प्यार का अफसाना बना हुआ है, खुदा भी तेरे हुस्न का अशिक् है जो तेरा दीवाना बना हुआ है

3. तेरे होठों से चांदनी बिखर रही है, जैसे लगता है, चांदनी अपने चांद के बाहों में सिमट रही है। 

4. कभी तनहाई में तुमहे याद कर लेता हु, जब तेरी याद आती है तो कभी खुद से कभी आइने से बात कर लेता हु.

5. वो मनचले भी तेरे अंजुमन से छुट गए, बाकी जो बचा था वो तेरे रिंदे तुझे लूट गए।