सोमवार, 15 जून 2020

ईमली का पेड़





क्या आपको रात के सन्नाटे में कभी डर नही  लगता ।क्या आपकी खिड़की कभी रात में खडखडाती नही। क्या कभी आधी रात को किसी ने आपका दरवाज़ा तो नही खटखटाया।क्या आपको भी लगता है कि कोई साया आपका पीछा कर रहा है।आपने रुहों को कभी देखा है।जो जिस दुनियां की चीजें है उससे छेड़ छाड नही किजिए ये आपके लिए खतरनाक हो सकती है।कहानी जो आपके रोंगटे खड़े कर देगी।रुहों पे जो यकीन नही करते उन्हें भी पता चलेगा मौत के बाद एक दुसरी दुनिया भी है।रुहों की दुनिया । रुहें अच्छी भी होती हैं और बुरी भी।कहते हैं मरने के बाद जिनकी कोई इच्छा अधुरी रह जाती है। वो इस दुसरी दुनिया के हो जाते हैं।जो है रुहों की दुनिया ।उनकी रुहें भटकती हैं।जब तक उनकी इच्छाए पुरी नही होती। इनकी भी जातियां होती हैं जैसे भुत ,प्रेत , पिशाच, चुड़ैल, डाकिनि, ब्रहमराक्षस, भैरव।जब सारी दुनिया सोती है। तब रात 12 बजे से शुरू होता है आत्माओं का भ्रमण। इसलिए पुराने जमाने के लोग रात के बारह बजने के बाद कहीं बाहर नही जाते थे । क्यों कि वो जानते थे रात को आत्माएँ घुमती हैं।उनका सामना आत्माओं से हो सकता है।मुझे शुरू से ही भुत प्रेत जैसी चीजों में दिलचस्पी रही है।मैं इसको लेकर रिसर्च करता रहता हुं। गरुड़ पुराण के अनुसार आत्मा मरने के बाद 13 दिन तक अपने घर परिवार को याद करती है। जिंदगी है तो मौत है देवी देवता हैं तो भुत प्रेत भी है। क्या आपको इस चीज ने कभी परेशान नही किया कि आप जब सोते हैं तो आप सपना क्यों देखते हैं ।आप तो बिस्तर पर रहते हैं फिर सपने में हर चीज की छुअन को आप कैसे महसुस कर लेते हैं। आत्मा मतलब सूक्ष्म शरीर ।जिसकी उर्जा कमजोर रहती है उसके शरीर में ये आसानी से प्रवेश कर जाते हैं । जिसका शनिवार मजबुत होता है।उनमें आत्माओं को देखने की शक्ति होती है। बात आज से 23 साल पहले की है।मैं मां के साथ अपने मामा के यहाँ घुमने जामताडा गया हुआ था। जो झारखण्ड में पड़ता था।एक दिन मै अपने मामा मामी और उनके बच्चे के साथ मधुपुर चला गया।मामा को दो बेटीयां थी। मेरी माँ उनके दो छोटी बेटियों के साथ रहने लगी। मामा फ़ॉरिस्ट विभाग में फ़ॉरिस्ट ऑफ़िसर थे।मामा सरकारी क्वाटर में रहते थे। पर वो मकान बिलकुल सड़क से दुर सुनसान में थे।उस मकान के बगल में एक ईमली के पेड़ था।रात हो गई थी ।माँ दोनों बच्चियों के साथ सोने चली गई ।जब रात के बारह बजे तो माँ को किसी औरत के रोने की आवाज़ सुनाई दी। जो सिसक सिसक कर रो रही थी।औरत के रोने की आवाज़ सुनकर माँ काफी डर गई थी। पर उन दो छोटी छोटी बच्चियों को पता था कि ये किसी चुड़ैल के रोने की आवाज़ है।मामा की बड़ी बेटी जो 7 साल की थी तपाक से बोली बुआ ये चुड़ैल के रोने की आवाज़ है।मां ने उसे डांटकर कहा चुपकर , चुपचाप सो जा।  माँ ने दोनों बच्चियों को बेड पर पीठ थपथपा कर  प्यार से सुला दिया। उस औरत के रोने की आवाज़ सुनकर माँ का दिल धक से कर जाता था। उस पुरी रात माँ नहीं सो सकी । उस आवाज़ ने मां को काफी परेशान कर दिया था। सुबह होते ही मैं मामा मामी और उनके छोटे बच्चे के साथ घर आ चुका था। माँ ने रात की सारी कहानी अपने भाई को बताई। ईमली के पेड़ से उस औरत के रोने की आवाज़ ।मामाजी ने हंसकर यही कहा की दीदी मैं जानता था कि इस ईमली के पेड़ से रात को औरत के रोने की आवाज़ आती है।कहते है कुछ समय पहले गांव की किसी औरत ने अपनी जिंदगी से तंग आकर उस इमली के पेड़ पर फांसी लगा ली। ये उसी औरत के रोने की आवाज़ है। जिसकी आत्मा अब भटकती है। मरने के बाद वो चुड़ैल बन चुकी है। दिल को धडका देनेवाली ये घटना मुझे अभी भी याद है।होनी को कौन टाल सका है। वो तो होकर रहती है। भुत प्रेत और आत्माओं की सच्ची कहानी लेकर मैं फिर आपके पास आउंगा। तब तक के लिए सऽऽऽऽऽ कोई है।

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