शनिवार, 25 अप्रैल 2020

कोरोना का कहर




चीन के वुहान से आया ये कोरोना वायरस पुरी दुनिया पर कहर बरपा रहा है। चीन ने कुत्ते, बिल्ली, चमगादड़    खाकर ये वायरस फैलाया। और इसकी सजा भुगत रहा है पुरा विश्व । उनका इस तरह से जानवरों को खाना काफी घृणित है।ये वाकई में चमगादड़ से आया वायरस है या  चीन के लैब में तैयार किया गया कोई जैविक बम।जिसे चीन के द्वारा दुनिया पर छोड़ दिया गया । उसकी एंटी पहले से चीन ने बना ली थी।इसलिए शुरुआती दौर में चीन पर इसका असर देखा गया । पर अब चीन में इसका कोई असर नही क्यों। वुहान के लोग अब खुली सांस ले रहे हैं।चीन के व्यापारिक क्षेत्र बीजिंग, शंघाई में इसका कोई असर नही। ये सारे तथ्य चीन को संदेहास्पद बनाते हैं।क्या चीन ने दुनिया की अर्थव्यवस्था तोड़ने के लिए ये तरकीब अपनायी थी।कोरोना वायरस को पहले चीन ने छुपाया क्यों। विश्व स्वास्थय संगठन ने इसे पेनडैमिक क्यों नही बताया। ताकि पुरे विश्व में ये नही फैले । क्या चीन की विश्व स्वास्थय संगठन से मिली भगत थी।अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन को कोरोना वायरस फैलाने का दोषी बताया ।दुनिया का सबसे ताकतवर देश इस कोरोना के सामने घुटने टेक चुका है।वहां लाखों लोगों की मौत हो चुकी है।लाखों संक्रमित लोग जिंदगी और मौत के बीच लड़ाई लड़ रहे हैं। क्या चीन के लैब में इस वायरस को तैयार करने के लिए सालों से रिसर्च चल रहा था।जो चीन ने तैयार कर परमाणु की तरह घातक ये वायरस दुनिया पर छोड़ दिया है।अगर ये साबित हो जाता है कि चीन के लैब में तैयार ये वायरस कोरोना फैलाने के लिए जिम्मेवार है, तो सारा विश्व मिलकर चीन को  निसतानाबुत कर देंगे ।चीन का नामो-निशान इस जमीन से मिटा देंगे। इटली, फ्रांस, स्पेन, इंगलैंड, अमेरिका सभी देशों में ये वायरस फैल चुका है।अनगिनत मौतें हो चुकी हैं ।अमेरिका, स्पेन, इटली  के बाद इस वायरस ने भारत को भी अपने चपेट में ले लिया है।इसकी कोई दवा नही है।रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत कर लोगों की जान बचाई जा रही है।पुरे विश्व में ये वायरस मौत का तांडव मचा रहा है।जैसे अब प्रलय आ गया है ।जिस भारत की पवित्र धरती पर जहाँ राम , कृष्णा और बुद्ध ने जन्म लिया ।जिस भारत को सिकंदर नही जीत पाया।क्या ये कोरोना भारत को हरा देगा।ये तो समय ही बताएगा ।सभी देशों में लाॅकडाउन बाद में लागु किया गया।जिसका नतीजा सबके सामने है।लाखों मौतें हुई।अमेरिका, इटली कई देशों में शव को दफनाने के लिए दो गज़ जमीन भी नसीब नही हुई कब्रिस्तान में ।समुद्र के किनारे लाशें पटी पड़ी थी।फिर क्रेन जैसी मशीनों का सहारा लेकर उन्हें दफनाना पड़ा ।भारत के प्रधानमंत्री श्री मोदी  जी काबिले तारीफ़ है जिन्होंने सही कदम पर लाॅकडाउन की घोषणा की। जिससे देश मे ये वायरस ज्यादा पैर नही पसार सके।ये शायद भारत का ऐतिहासिक कदम था जिसे लोग याद रखेंगे ।

सोमवार, 20 अप्रैल 2020

मर्लिन मुनरो - भाग 3 ( मर्लिन की मिलर से दुरी)


 ड्रग्स की बुरी लत ने मर्लिन को इस मुकाम तक पहुंचा   
दिया था। जहां से वो लौट नही सकती थी।ये मर्लिन की जिंदगी से कभी भी खेल सकती थी।इस पारिवारिक विवाद से मर्लिन काफी सदमें में थी।फिर भी मिलर ने मर्लिन से कहा की पिछली बातों को भुलाकर मै तुम्हारे भविष्य को संवारुगा ।मर्लिन को मिलर के खो जाने का डर था।वह मिलर से दुर हो जाएगी इससे वह काफी डिप्रेशन में थी ।उसने अपने रिश्ते को बचाने का प्रयास किया। मिलर ने कहा कि मर्लिन मौत को हथेली पर लेकर घुमती थी।उसे अपने आप को मार डालने का नशा था।मर्लिन ने हनीमून मनाने का फैसला किया ।एक फिल्म की शुटिंग के सिलसिले में वह मिलर के साथ हनीमून मनाने लंदन पहुंचीं ।पर अफसोस वहां भी वो दोनों पल भर भी एक-दूसरे के साथ समय नही बीता सके।गलैमर वर्ल्ड और शोहरत तो मर्लिन के साथ साथ थी ।मर्लिन जहाँ जहाँ जाती लोगों की भारी भीड़ जमा हो जाती ।कई फोटोग्राफर मर्लिन का फोटो अपने कैमरे में कैद करने के लिए भीड़ लगा देते ।मर्लिन 27 सुटकेस लेकर लंदन पहुंचीं थी। फिर भी दोनों न साथ रहकर बातें कर पाए। न प्यार के कोई पल बीता पाए।दोनों के बीच दुरियां बढती गई । ये शोहरत ये चकाचौंध दोनों के रिश्तों में जैसे दरार पैदा करते चले गए ।फिल्म की शूटिंग चल रही थी। मर्लिन के सेट पर बड़े नखरे थे। वो बड़ी स्टार हो चुकी थी ।टीम का मर्लिन से झगड़ा हो जाता था। वो बहुत रीटेक लेती थी।पर मिलर सेट पर चुपचाप रहता।क्यों कि वह जानता था कि मर्लिन की गलती है ।उस दिन मर्लिन रात को होटल पहुंचीं ।वह गुस्से में थी और कुर्सी  खिड़की के शीशे पर दे मारी।और मिलर से कहने लगी कि तुम मेरे पति हो।मेरे पक्ष में सेट पर क्यों नही बोले।मुझे पीड़ित किया जा रहा है। मिलर बोला तुम्हारी गलती है मैं तुम्हारी ग़लतियों पर कैसे पर्दा दे सकता हुं। फिर मर्लिन ने कहा कि तुम मुझे दुनिया से बचाओगे , क्या हुआ तुम्हारे  वादे। मिलर फैमिली चाहता था ।पर मर्लिन को अपने कैरियर की चिंता थी। मर्लिन ने अबॉश्‌न्‌ करा लिया । दोनों  के रिश्ते टुटने की ये बड़ी वजह रही। मर्लिन ने अपने बारे में ये कहा था कि लोग मेरी इस खुबसूरती से प्यार करते हैं। फिल्मों में मैं जैसी हुं वैसी ही देखना पसंद करते हैं। लोगों को फिल्मों में मेरे जिस्मों की नुमाईश पसंद है। मुझे कोई सच्चा प्यार नही करता।मेरे अंदर का जो बदसुरत हिस्सा है उसे कोई स्वीकार नही करता।मिलर ने बिलकुल वैसा ही किया है मेरे साथ ।उसने केवल मेरे शरीर का इस्तेमाल किया है। उसने मेरे अंदर की बदसुरती को स्वीकार नही किया।कहाँ गए उसके वादे।मैं तुम्हारा खयाल रखुंगा। तुम्हें दुनिया से बचाउंगा। मुझे लगता है कि मेरा संपूर्ण जीवन अर्थहीन है। मै और मेरा जीवन एक अस्वीकृती है।

गुरुवार, 16 अप्रैल 2020

मर्लिन मुनरो- भाग 2( मर्लिन मुनरो की आर्थर मिलर से शादी)

मर्लिन ने कहा शरीर का मतलब प्रदर्शन से है न कि उसे ढंकने से। शायद वह ऐसा सोचती थी जिस ऊपरवाले ने गुलाब  की तरह ये खुबसूरत शरीर बनाया है। लोग ईश्वर की बनाई इस खुबसूरत रचना को देखें। उन्होंने  मित्रों को सबसे बड़ा बताया। मित्र आप जैसे हैं आपको उसी रुप में स्वीकार करते हैं । मर्लिन ने पुरुषों की इस मामले में बहुत तारीफ की और कहा ।पुरुष ही तुम्हें अहसास दिला सकते हें कि तुम एक औरत हो।अपने प्यार से पुरुषों के जीवन में रंग भरनेवाली औरत ही तो है। जिससे मै बहुत गौरवान्वित महसूस करती हुं।वो बहुत रोमांटिक औरत थी।पुरुष ही तुम्हें स्पर्श कर , तुम्हारी आंखों में घुरकर तुम्हें रोमांचित कर सकता है।वो कहना चाहती थी कि पुरुष ही औरत को पूर्णता का अहसास दिलाते हैं ।मर्लिन फाॅकस स्टुडियो में नाइट क्लब का सीन दे रही थी ।काले सटॄप वाली ड्रेस में उसके होंठों की मधुर मुस्कान ने लाखों दिलों की धड़कनों में हलचल मचा दी हो।  मर्लिन लाखों लोगों के दिलों पर राज करने लगी। इस सीन को देखते ही मशहूर लेखक आर्थर मिलर के दिल की धड़कनें भी तेज हो गई ।जैसे मर्लिन उसके जान में समा गई हो।सेट पे इस सीन के बाद दोनों की मुलाकात हुई।उसने मिलर के बारे में सुन रखा था।उसकी नजरों का तीर मिलर के दिल में चुभ चुका था। वह बहुत व्याकुल था।उसने मर्लिन से अपने दिल की बात कह दी।  दोनों एक-दूसरे को दिलों जान से चाहने लगे। दोनों की नजदीकीयाॅ बढने लगीं ।जैसे मिलर के रुप में उसे एक सच्चा दोस्त मिल गया हो।जो उसकी केयर करना चाहता था। मर्लिन ने मिलर के सामने ये स्वीकार  किया कि वो अपने कैरियर के लिए कई मर्दों के साथ हमबिस्तर हुई।पर अब वो एसा नही करेगी।एक वक्त वो भी आया जब काम के सिलसिले में दोनों एक-दूसरे से दुर हुए। मिलर किसी और शहर को चला गया। मर्लिन भी फिल्म की शुटिंग में व्यस्त हो गई। इस दुरी में भी दोनों एक-दूसरे को याद कर रहे थे।अपनी फिल्म सेवन इयर इच पुरी करने के बाद मर्लिन न्यूयॉर्क पहुंचीं । जहां वो कुछ पल खुद के लिए जी सके।वक्त ने फिर दोनों को एक-दूसरे के करीब ला दिया । दोनों छुपछुप कर एक-दूसरे से मिलने लगे।सेंट्रल पार्क की गलियों में वे दोनों साईकिल चलाते देखे जाते।और बातें करते। मर्लिन भी इस बात को समझ चुकी थी।कि मिलर ही वो पुरुष  है जो मुझे खुशी दे सकता है। और जो मेरा ख़्याल रख सकता है। साल 1956 में दोनों की शादी हुई। मर्लिन ने यहुदी धर्म अपनाया। एक अच्छी बहु और बीवी बनकर घर का काम- काज करने लगी। वह एक घरेलु औरत बनकर जीने लगी ।मिलर यह जान गया था कि मर्लिन अब ऐक्टिंग और फिल्मों की दुनिया से थक चुकी है । पर जिसे गलैमर की लत लग चुकी हो। वह आम औरत की जिंदगी कब तक जीती। कुछ ही वक्त  बीतने के बाद , इस आम औरत की जिंदगी से वह उबने लगी थी।उसने यह जान लिया था कि वह एक कलाकार है और एक ऐक्ट्रेस के तौर पर ही जिंदगी जी सकती है। वह फिर से फिल्मों में लौट आई। मर्लिन को गलैमर और चकाचौंध में जीने की आदत थी। एक फैमिली पार्टी में जब मिलर के पुरे परिवार न असली मर्लिन मुनरो को देखा।  मर्लिन टाइट स्किन केयर और सीथु ड्रेस पहनकर  सबके सामने आई। एक बहु का इस तरह से अंग प्रदर्शन । मिलर की फैमिली को बर्दाश्त नही हुआ। और परिवारवालों का मर्लिन से झगड़ा हुआ। जिससे मर्लिन काफी डिप्रेस्ड हो गई। इसी वजह से मर्लिन ने ड्रगस ली।और उसी रात फ्लैट की लिफ्ट में नशे की हालत में कई बार निर्वस्त्र घुमती देखी गई।और बहुत मुश्किल से उसे काबु किया गया।

बुधवार, 15 अप्रैल 2020

मर्लिन मुनरो - भाग 1

मैं अब जिनके बारे में लिखने जा रहा हुं।शायद उनकी जीवनी लिखने के लिए मेरे शब्द कम पङेंगे। हाॅलीवुड की मशहूर सेक्सी अदाकारा मर्लिन मुनरो। जिनका मुल नाम नोर्मा जीन मोर्टेनसेन था।जिनका जन्म 1जुन 1926 को हुआ था। हालीवुड में सेक्स सिंबल के  रुप में जानी जाने लगी।1950 के दशक में इनकी फिल्मों ने खुब ख्याति बटोरी। मर्लिन ने अपनी फिल्म  सेवन इयर ईंच से हाॅलीवुड में धुम मचा दी।सेवन इयर ईंच में मर्लिन की उडती हुई स्कर्ट के सीन ने लोगों के होश उडा दिये । मर्लिन मुनरो अमेरिका की मशहूर अभिनेत्री ,माॅडल और गायिका।  मर्लिन के हुस्न के चर्चे और मुस्कान के सभी कायल थे। मर्लिन की कामयाबी ने उसे  रातोंरात सुपरस्टार बना दिया।मर्लिन ने अपने बारे में लिखा कि मैं अच्छी हुं लेकिन परी नही। मैं पाप तो करती हुं लेकिन मैं शैतान नही। अपने पाप को स्वीकार कर लेना मर्लिन को उसके सारे गुनाहों से मुक्त करता है। मर्लिन ने अपने बारे में कहा था कि मुझे सेक्स पसंद है ।मैं प्रकृति हुं।मैं इसके साथ चलना पसंद करती हुं। मर्लिन ये बताना चाहती थी लोगों को कि प्यार और सेक्स जिंदगी का एक हिस्सा है ।और इससे ये भी पता चलता है कि मर्लिन मुनरो एक रंगीन मिजाज की औरत थी। मर्लिन ने इस बात पर बहुत दुःख जताया कि लोग केवल मेरी कामयाबी और मेरे इस खुबसूरत चेहरे और मखमली जिस्म से प्यार करते हैं । जो मुझे प्यार करता है वो मेरे अंदर की बदसुरती को भी स्वीकार करे।वो ऐसे इंसान को ढुंढ रही थी जो उससे सच्चा प्यार करे। उसका खयाल रखे। जिंदगी में उसे मर्दों ने बहुत धोखे दिये थे। इसलिए मर्लिन ने अपने बारे में ये लिखा था कि उसे कुत्ते ने कभी नही काटा , बल्कि इंसानों ने मुझे धोखे दिये । मतलब ये कि मर्लिन के मर्दों से अंतरंग संबंध थे।और वो मर्दों की जात को जानती थी।वो सेक्स की देवी के रुप में जानी जाती थी।कोई उन्हें वस्तु ना समझें । लोग उन्हें सेक्स सिंबल समझते थे, इस बात से उन्हें बेहद  नफ़रत थी।

मंगलवार, 7 अप्रैल 2020

औरत - भाग 2



औरत से ही घर शोभा पाता है।औरत ही पुरुषों का घर रचाती बसाती है ।फर भी सदियों से जुल्म सहती आ रही है औरतें । जो कभी रुकने का नाम नही लेता। कब मिलेगी इन्हे इस पुरुष प्रधान समाज में आजादी ।घुट घुट कर सांस लेती।मुझे अभी भी सुनाई दे रही है उनकी सिसकियाँ ।मुझे अब उस महुआ घटवारिन की कहानी याद आ जाती है। महुआ के प्यार की दर्द भरी दास्तान ।जो पुरुष के द्वारा छली गयी।महुआ नदी के तट पर रहनेवाली एक जवान लङकी की कहानी है ।जो अपनी सौतेली माँ के जुल्म को सहती नवयौवना बनी।महुआ की सौतेली माँ ने उसे किसी सौदागर के हाथों बेच दिया ।महुआ ने सौदागर के साथ नाव पर नदी पार करते हुए नदी में छलांग लगा दी ।उस सौदागर के सेवक को भी महुआ से प्यार हो गया था।यह देख उसने भी नदी में छलांग लगा दी ।महुआ एक घटवारिन थी ।नदी में तैरना भलीभांति जानती थी।वो नदी के विपरीत दिशा में भी तैरते हुए किनारे तक आ गयी।पर वो सौदागर का सेवक नदी में ङुबने लगा।महुआ ने तैरकर उसकी जान भी बचाई।इस तरह वो सौदागर के चंगुल से बच निकली।सौदागर का सेवक भी महुआ से प्यार करने लगा था।दोनों ने साथ जिंदगी बिताने का निशचय किया। वो लङका  (सौदागर चा सेवक) किसी नौटंकी कंपनी में काम करने लगा ।और महुआ को पैसे कमा कमा कर देने लगा।पर एक दिन वो लङका नौटंकी कंपनी में काम करने को घर से निकला ।फिर वो लौटकर कभी नही आया ।महुआ उसकी राह तकती रही।वो रोज़ घाट पर उसका इंतज़ार किया करती थी।उसकी याद में बचैन रहती। अपना सर पटकती।भोली भाली महुआ अभी तक ये समझ नही पायी थी।उस लङके ने उसके साथ धोखा किया है।वो कभी वापस नही आएगा ।पुरुष स्वभाव से ही छलिया होता है।महुआ उस लङके के द्वारा छली गयी।महुआ रोती बिलखती रही ।पर वो लङका कभी लौटकर नही आया ।यही थी महुआ की दर्द भरी कहानी ।वो नदी जो अभी भी निश्छल और शांत बह रही थी।जिस घाट के किनारे महुआ पली बढ़ी ।मुझे अभी भी सुना रही थी महुआ के प्यार की दर्द भरी दास्तान ।उसके सुने जीवन की कहानी ।

रविवार, 5 अप्रैल 2020

औरत - पाॅट 1

स्त्री हमेशा पुरुष की बाहों में सुरक्षित होती है।इतिहास गवाह है। राजा के मर जाने पर रानियां जौहर कर लिया करती थी ।पदमावती को भी जौहर कर लेना पड़ा था ।स्त्री ने जब जब लक्षमण रेखा लांघी तब तब उसे उसकी कीमत चुकानी पड़ी ।सीता हरण इसका बहुत बङा उदाहरण है ।अग्नि परीक्षा स समाज की नजरों म पवित्र तो थी। परंतु  एक घोबी की नजरों में कलंकित थी।स्त्री मयाॅदा में रहे तभी समाज में इज्जत और सम्मान पाती है। पर इससे भी इनकार नही किया जा सकता।समाज स्त्रीयों पर जुल्म करता रहा। स्त्रीयाॅ समाज के बनाये नियमों  के बीच पीसती रही। चाहरदीवारी के बीच घुटती उनकी जिंदगी । चाहरदीवारी  के बीच कैद उस पंछी की तरह है जो बाहर खुले आसमान में उड़ने के लिए अपना पंख फङफङाता रहता है।कभी दहेज में जिंदा जलायी गयी। वो तो मोदी जी तीन तलाक खत्म करने के साहसिक कदम ने मुसलिम औरतों की जिंदगी जहन्नुम होने से बचा ली।

शुक्रवार, 3 अप्रैल 2020

सपना

कभी अपने अरमानों को संजोए हुए, दुख के बोझ से दबी हुई । मन ही मन रोई हो।  हो अरमान तुम्हारे पुरे यही ऊपरवाले से फरियाद करती हो। बुलंद रखना अपना हौसला।कुछ जल गए कुछ बुझ गए। अपने अरमानों का दीया तुम जलाये रखना । एक दिन तुम विजयी होगी,लहरें किनारों से टकरायेगी। एक दिन तु भी अपनी मंजिल पायेगी।तु भी अपनी मंजिल पायेगी।