रविवार, 5 अप्रैल 2020
औरत - पाॅट 1
स्त्री हमेशा पुरुष की बाहों में सुरक्षित होती है।इतिहास गवाह है। राजा के मर जाने पर रानियां जौहर कर लिया करती थी ।पदमावती को भी जौहर कर लेना पड़ा था ।स्त्री ने जब जब लक्षमण रेखा लांघी तब तब उसे उसकी कीमत चुकानी पड़ी ।सीता हरण इसका बहुत बङा उदाहरण है ।अग्नि परीक्षा स समाज की नजरों म पवित्र तो थी। परंतु एक घोबी की नजरों में कलंकित थी।स्त्री मयाॅदा में रहे तभी समाज में इज्जत और सम्मान पाती है। पर इससे भी इनकार नही किया जा सकता।समाज स्त्रीयों पर जुल्म करता रहा। स्त्रीयाॅ समाज के बनाये नियमों के बीच पीसती रही। चाहरदीवारी के बीच घुटती उनकी जिंदगी । चाहरदीवारी के बीच कैद उस पंछी की तरह है जो बाहर खुले आसमान में उड़ने के लिए अपना पंख फङफङाता रहता है।कभी दहेज में जिंदा जलायी गयी। वो तो मोदी जी तीन तलाक खत्म करने के साहसिक कदम ने मुसलिम औरतों की जिंदगी जहन्नुम होने से बचा ली।
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